कहानी संग्रह >> 27 श्रेष्ठ कहानियाँ 27 श्रेष्ठ कहानियाँचन्द्रगुप्त विद्यालंकार
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स्वतंत्रता प्राप्ति के कुछ आरंभिक वर्षों की कहानियाँ
इस संग्रह का तीसरा संस्करण अपने पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करते समय, हमें अत्यन्त हर्ष और सन्तोष का अनुभव हो रहा है। स्पष्ट है कि हमारी और पाठकों की पसन्द कहीं किसी एक बिन्दु के निकट ही मिलती है। उसी रुचि के प्रति सजग रहते हुए, स्वर्गीय आचार्य चतुरसेन शास्त्री की एक अन्य कहानी 'रजील' और सुप्रसिद्ध कथाकार श्री मोहनसिंह सेंगर की 'मान-सम्मान' के स्थान पर उन्हीं की बहुचर्चित कहानी 'पारुल' इसमें सम्मिलित की जा रही है। आशा है यह कथा संग्रह और अधिक रोचक होगा।
-संपादक
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